दवा काम ना आए दुआ तो चले

इश्क में जां अपनी फंसा तो चले

अख्तियार रहा नहीं दिल मगर धड़कता है

खुशबु के बगैर ही हवा तो चले

जां लुटा के अपनी कब से बैठे हैं

संगदिल को मगर कुछ पता तो चले

तेरी ख्वाहिश में दम बारहा मेरा निकले

गालिब मर गया उसका कहा तो चले

मुश्किल है सफर ये आसान नहीं है

कदम डरे रुके हैं हौसला तो चले




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