भू की प्यास बुझाने वाला बादल बन तू
नदिया, दरिया, दरख़्त, पहाड़ सा कोई
हँस कर सब लुटाने वाला पागल बन तू
मैं किस चीज़ से भाग रहा हूँ ? हमारा एक दोस्त है। फ़ितरतन धारा के विरुद्ध बहने वाला। बेफ़िक्र, आज़ादी-पसंद और घुमक्कड़। कॉरपोरेट कल्चर कभी उसे रास...
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