जग का तम मिटाने वाला सूरज बन तू 
भू की प्यास बुझाने वाला बादल बन तू 
नदिया, दरिया, दरख़्त, पहाड़ सा कोई 
हँस  कर सब लुटाने वाला पागल बन तू 

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