इस ब्लॉग के बारे में ....

कुछ शुरू करने से पहले थोड़ा tone set कर ली जाए। हिन्दी के कुछ blogs पढ़कर दिल में एक ख्याल आया है कि क्यों न मैं भी फिर से कुछ लिखूं और इस बार हिन्दी में। Blogging की ये कोई कोशिश मेरी पहली नही है, फर्क इतना है कि हिन्दी में नही लिखा। विषय कोई ख़ास नही है अभी फिलहाल दिमाग में। जब जो दिल में आएगा लिखेंगे - कैफियत, तबियत और फुर्सत के हिसाब से। हिन्दी और उर्दू पोएट्री एक अहम् हिस्सा होंगीं इस space का। कुछ मशहूर कवियों और शायरों और उनकी कविताओं और ग़ज़लों का बराबर ज़िक्र होता रहेगा और बीच-बीच में अपनी भी बातें होंगी। इसके अलावा थोडी बहुत philosophy और कुछ रोज़मर्रा की बातें भीं.

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तुम्हें मरना होगा

वो कहते हैं मुझसे  अब तुम्हें मरना होगा  शूली पर चढ़ना होगा  खेले खूब धूम मचाया  जग से क्या कुछ न पाया  पर तुम पा न सके उसे  जिसकी तुम्हें जु...