ये शाम भी उदास है
ठहरी-ठहरी साँस है
जाने किसकी आस है
कोई आस है न पास है
ऐसे में
तुमको जो बुला सकूँ
बुला के ये बता सकूँ
बता के ये जता सकूँ
कि तुमको न भुला सकूँ
ऐसे में
तुम यहाँ जो आ सको
दो पल संग बिता सको
कोई गीत गुनगुना सको
हँसा सको मुझे रुला सको
ऐसे में
दिल को फिर यकीं हो
तुम हो यहीं कहीं हो
न शाम फिर उदास हो
न ये दिल ही ग़मगीं हो
ठहरी-ठहरी साँस है
जाने किसकी आस है
कोई आस है न पास है
ऐसे में
तुमको जो बुला सकूँ
बुला के ये बता सकूँ
बता के ये जता सकूँ
कि तुमको न भुला सकूँ
ऐसे में
तुम यहाँ जो आ सको
दो पल संग बिता सको
कोई गीत गुनगुना सको
हँसा सको मुझे रुला सको
ऐसे में
दिल को फिर यकीं हो
तुम हो यहीं कहीं हो
न शाम फिर उदास हो
न ये दिल ही ग़मगीं हो
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