हर दो कदम के फासले पे नई ठोकरें मिलती रहीं
ज़िन्दगी मगर ज़िन्दगी अपने दम पर चलती रही

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तुम्हें मरना होगा

वो कहते हैं मुझसे  अब तुम्हें मरना होगा  शूली पर चढ़ना होगा  खेले खूब धूम मचाया  जग से क्या कुछ न पाया  पर तुम पा न सके उसे  जिसकी तुम्हें जु...