जीते हैं सभी
इसलिए मैं भी जीऊँ !
करते हैं जो सभी
वो मैं भी करूँ !
मक़सद कुछ साफ नहीं
दिखती आगे राह नहीं
चलते हैं जो सभी
वो राह मैं भी चलूँ !
वजह काफी नहीं इतनी
जीवन के होने की
कारण होंगे और कई
जरुरत आहे समझने की
जीवन का अर्थ है क्या
क्या कर्तव्यों का आधार
दुनिया के इस रंगमंच पे
जाने क्या मेरा क़िरदार !
सवाल ऐसे कई अनगिनत
उठते हैं मन में अविरत
इनके ही फेरों में उलझा
चलता रहा हूँ अपने पथ
पर अब मौन का वक़्त नहीं
चुप्पी तोड़नी होगी अभी
अब एक शुरुआत लाज़िमी है
पहले काफी देर हो चुकी
इसलिए मैं भी जीऊँ !
करते हैं जो सभी
वो मैं भी करूँ !
मक़सद कुछ साफ नहीं
दिखती आगे राह नहीं
चलते हैं जो सभी
वो राह मैं भी चलूँ !
वजह काफी नहीं इतनी
जीवन के होने की
कारण होंगे और कई
जरुरत आहे समझने की
जीवन का अर्थ है क्या
क्या कर्तव्यों का आधार
दुनिया के इस रंगमंच पे
जाने क्या मेरा क़िरदार !
सवाल ऐसे कई अनगिनत
उठते हैं मन में अविरत
इनके ही फेरों में उलझा
चलता रहा हूँ अपने पथ
पर अब मौन का वक़्त नहीं
चुप्पी तोड़नी होगी अभी
अब एक शुरुआत लाज़िमी है
पहले काफी देर हो चुकी
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