दीवाना हो गया हूँ बस मैं तेरे नाम का
तेरी इनायत के बिना हूँ मैं किस काम का
लगा रहता हूँ दिन भर काम में मगर
सारा दिन इंतज़ार करता हूँ मैं शाम का
क्या-क्या करता हूँ दुनिया में रहकर
समझता यही हूँ कि हर काम है राम का
बस तेरे रस्ते चलता रहूँ, दे हौसला तू
रस्ता रह चुका है जो पहले भी तमाम का
तेरे नाम में डूब जियूँ, तेरा ही काज करूँ
हंस कर जीता जाऊँ जीवन गुमनाम का
तेरी इनायत के बिना हूँ मैं किस काम का
लगा रहता हूँ दिन भर काम में मगर
सारा दिन इंतज़ार करता हूँ मैं शाम का
क्या-क्या करता हूँ दुनिया में रहकर
समझता यही हूँ कि हर काम है राम का
बस तेरे रस्ते चलता रहूँ, दे हौसला तू
रस्ता रह चुका है जो पहले भी तमाम का
तेरे नाम में डूब जियूँ, तेरा ही काज करूँ
हंस कर जीता जाऊँ जीवन गुमनाम का
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