मेरा दिन हो तुम, रात हो तुम
मेरा हर पल, हर बात हो तुम
मौला ने जो बक्शी है वो
मेरे जीवन की सौगात हो तुम

वज़ह मेरे रोने हंसने की
मेरे दिल की हर जज़्बात हो तुम
तेरे बिन अधूरा सा मैं
मेरी पूरी क़ायनात हो तुम

ख्यालों में ख्वाबों में तुम
रहता हूँ तेरी यादों में गुम
आँखें हर पल ढूंढे तुमको
कानों में तेरे नाम की धुन

मेरा दिन हो तुम, रात हो तुम
मेरा हर पल, हर बात हो तुम

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