ख़ुदा भी कभी-कभी
बहुत इमोशनल हो जाता है
और कभी-कभी
बिलकुल इमोशनलेस
तभी तो कभी जम के बारिश होती है
और कभी जम के सूखा
जब जम के बारिश होती है
तो लगता है
अपने इमोशंस सारे वो
एक ही मौसम में खाली कर देता है
फिर बाकी वक़्त जाने क्या करता है
जिस साल वो ज्यादा इमोशनल होता है
उस साल ज्यादा बारिश होती है
मानसून शायद उसका ही कोई इमोशन है
और साइक्लोन भी
बहुत इमोशनल हो जाता है
और कभी-कभी
बिलकुल इमोशनलेस
तभी तो कभी जम के बारिश होती है
और कभी जम के सूखा
जब जम के बारिश होती है
तो लगता है
अपने इमोशंस सारे वो
एक ही मौसम में खाली कर देता है
फिर बाकी वक़्त जाने क्या करता है
जिस साल वो ज्यादा इमोशनल होता है
उस साल ज्यादा बारिश होती है
मानसून शायद उसका ही कोई इमोशन है
और साइक्लोन भी
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