बकौल गालिब .....
"कहते हैं अगले ज़माने में कोई मीर भी था"
और ज़ौक फरमाते हैं .....
"न हुआ पर न हुआ मीर का अंदाज़ नसीब"
उसी मीर के बारे में एक video हाथ लगी है .... share कर रहा हूँ ......
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तुम्हें मरना होगा
वो कहते हैं मुझसे अब तुम्हें मरना होगा शूली पर चढ़ना होगा खेले खूब धूम मचाया जग से क्या कुछ न पाया पर तुम पा न सके उसे जिसकी तुम्हें जु...
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सफ़र है तो किसी मंज़िल पे रुकता क्यों नहीं ? सब जा रहे हैं कहाँ कोई कुछ कहता क्यों नहीं ? बदल जाती है मेरे आस-पास की हर एक चीज मेरे अंदर जो म...
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ज़िन्दगी एक जंग है एक मुसलसल जंग करने और होने के दरमियान करना जो इंसान का फ़ुतूर और होना उसका मुस्तक़बिल करना जो होने नहीं देता लेकिन हो...
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सोच रहा हूँ आज फिर मैं अपने अंदर उतर कर देखूँ कि वहां का माज़रा क्या है तो पाता हूँ कि दरवाजे पर जंग है और ज़ीने पे धुल पड़ी है गोया को...
2 comments:
दिलचस्प !!!!
rochak post ...........shukriya
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