आंखों का समंदर सूख चला
दिल भी अब परेशान नहीं
जिंदगी तू मुझसे नाराज़ सही
मैं तुमसे हैरान नहीं
जीने की अब पड़ गई आदत
ग़म से अपनी यारी है
दर्द का होता एहसास नही
जाने क्या बीमारी है!
वो कहते हैं मुझसे अब तुम्हें मरना होगा शूली पर चढ़ना होगा खेले खूब धूम मचाया जग से क्या कुछ न पाया पर तुम पा न सके उसे जिसकी तुम्हें जु...
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