वो जो कभी मेरे दिल में रहते थे

संग-संग मेरी राहों में चलते थे

जो थे रौशनी का सुराग, मुसाफिर का हौसला

उन इरादों का सुना मैंने क़त्ल हो गया

तुम्हें मरना होगा

वो कहते हैं मुझसे  अब तुम्हें मरना होगा  शूली पर चढ़ना होगा  खेले खूब धूम मचाया  जग से क्या कुछ न पाया  पर तुम पा न सके उसे  जिसकी तुम्हें जु...